रुचि तिवारी/रायपुर : नई दिल्ली में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक 24 अप्रैल को सम्पन्न हुई.इस बैठक में हर राज्य के सीएम अपने राज्य की बात कहते हैँ, विजन और उससे जुड़ा रोडमैप साझा करना होता है. प्रधानमंत्री जो कि नीति आयोग के अध्यक्ष भी होते हैँ वह, उनके कैबिनेट मंत्री और सभी राज्य के सीएम तथा प्रशासक उसे सुनते हैँ.
पिछली बैठक में जो लक्ष्य दिए जाते हैँ उनकी समीक्षा भी होती है.
नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की ताज़ा बैठक छत्तीसगढ़ के लिए काफी अहम रही. इस बैठक में एक नज़ारा ऐसा देखने को मिला जिसने साबित कर दिया कि देश का पावर इंजन छत्तीसगढ़ विश्व में सर्वाधिक लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिल में बसता है. दरअसल लंच ब्रेक के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का हाथ थामते हुए मुस्कराकर कहा कि “छत्तीसगढ़ की बात अभी बाकी है।” इस एक वाक्य में प्रधानमंत्री का स्नेह, भरोसा और राज्य के प्रति अपनत्व व्यक्त हो रहा था। उस क्षण, आसपास उपस्थित आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन भी मुस्कराते हुए इस संवाद के साक्षी बने। छत्तीसगढ़ को लेकर पीएम मोदी की आत्मीयता और लगाव बहुत पुराना है,वह जब पार्टी के महामंत्री थे उस वक्त बस्तर में बलिराम कश्यप के साथ दूरस्थ अंचल में प्रवास किया करते थे.. इसका जिक्र वह अक्सर छत्तीसगढ़ में चुनावी सभाओं में किया करते हैँ. यहाँ तक कि पीएम मोदी पिछले डेढ़ साल में तीन बार छत्तीसगढ़ दौरे पर आ चुके हैँ.
30 मार्च 2025 को बिलासपुर, 23 अप्रैल 2024 को जांजगीर-चांपा के सक्ती और फिर शाम को धमतरी में प्रधानमंत्री की सभा हुई थी। इसके बाद 24 अप्रैल को सुबह 10.30 बजे सरगुजा लोकसभा सीट के लिए अंबिकापुर में चुनावी सभा करने पीएम मोदी छत्तीसगढ़ आए थे। तब PM मोदी रायपुर के राजभवन में रात रुके थे।
अपने पिछले कार्यकाल में आयुष्मान भारत योजना (14 अप्रैल 2018), श्यामा प्रसाद मुखर्जी शहरी मिशन, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना की शुरुआत भी छत्तीसगढ़ से की थी। ये योजनाएं राष्ट्रीय स्तर पर देश की प्रगति को गति दे रही हैं. कुछ महीने पहले ही बिलासपुर दौरे पर आकर उन्होंने 33 हज़ार 700 करोड़ रू की सौगात छत्तीसगढ़ को दी. छत्तीसगढ़ में सड़क, रेल और हवाई नेटवर्क समेत मल्टी मॉडल कनेक्टविटी को नई ऊंचाई देने में पीएम ने ख़ास दिलचस्पी दिखाई है. यहाँ तक की छत्तीसगढ़ में रेल नेटवर्क का शत प्रतिशत विद्युतीकरण किया जा चुका है.
नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की मीटिं में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचलों में हो रहे सकारात्मक बदलाव, औद्योगिक निवेश, और ‘आत्मनिर्भर बस्तर’ की दिशा में राज्य सरकार द्वारा उठाए गए ठोस कदमों की सराहना की। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया कि कैसे बस्तर अब संघर्ष नहीं, संभावना का प्रतीक बन रहा है – जहाँ कभी बंदूकें चलती थीं, वहाँ अब मशीनें, लैपटॉप और स्टार्टअप की चर्चा हो रही है। नवा रायपुर में देश की पहली सेमीकंडक्टर यूनिट और एआई डेटा सेंटर की स्थापना से लेकर लिथियम ब्लॉक की नीलामी तक – छत्तीसगढ़ अब संसाधनों से परिपूर्ण राज्य बनने की ओर अग्रसर है और देश के विकास में छत्तीसगढ़ की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका है।
यह क्षण किसी औपचारिक संवाद का नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के द्वारा छत्तीसगढ़ के विकास के लिए प्रतिबद्ध मुख्यमंत्री साय के प्रयासों की सहज स्वीकृति और सराहना का था। नीति आयोग की बैठक में जहां देशभर के राज्यों ने अपने विकास मॉडल प्रस्तुत किए, वहीं छत्तीसगढ़ की प्रस्तुति ने प्रधानमंत्री की विशेष रुचि और सराहना प्राप्त की। यह स्पष्ट संकेत है कि छत्तीसगढ़ अब केवल एक उभरता हुआ राज्य नहीं, बल्कि देश के समग्र विकास में एक निर्णायक भूमिका निभाने वाला राज्य बन चुका है।
साय के भाषण में दिखा विकसित छत्तीसगढ़ का विजन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ का दूरदर्शी विकास मॉडल प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि कभी नक्सल हिंसा के लिए पहचाना जाने वाला बस्तर अब देश को विकास, रोजगार और आत्मनिर्भरता का नया मॉडल देने जा रहा है।
मुख्यमंत्री साय ने नीति आयोग के मंच पर छत्तीसगढ़ के लिए 75 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था का दीर्घकालिक लक्ष्य रखा और इसके केंद्र में ‘3T मॉडल’ (Technology, Transparency, Transformation) को बताया। उन्होंने कहा कि राज्य प्रशासन अब तकनीक आधारित, पारदर्शी और तेज़ गति से निर्णय लेने वाला बन रहा है। हर योजना को डिजिटली ट्रैक किया जा रहा है, ताकि आम जनता को समय पर और सटीक सेवाएं मिल सकें। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह मॉडल न केवल छत्तीसगढ़ को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने में सहायक होगा, बल्कि भारत के 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य में भी राज्य की अहम भूमिका सुनिश्चित करेगा।
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने वर्ष 2047 तक के लिए एक विस्तृत रणनीति तैयार की है, जिसके तहत राज्य की अर्थव्यवस्था को 6 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 75 लाख करोड़ रुपये तक ले जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस दौरान प्रति व्यक्ति आय में 10 गुना वृद्धि का अनुमान है। इस रणनीति को ‘छत्तीसगढ़ अंजोर विजन डॉक्यूमेंट’ नाम दिया गया है, जिसमें राज्य के आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय विकास की समग्र योजना निहित है।
उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु शिक्षा, स्वास्थ्य, अधोसंरचना, कृषि, आईटी, पर्यटन और कौशल विकास जैसे 13 प्रमुख क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है। इन सभी क्षेत्रों के बेहतर क्रियान्वयन हेतु 10 विशिष्ट मिशन प्रारंभ किए गए हैं।
बस्तर अब संघर्ष नहीं, संभावना का प्रतीक
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर अब संघर्ष का नहीं, बल्कि संभावनाओं का क्षेत्र बन गया है। बस्तर और उसके आसपास के 32 ब्लॉकों में स्किल डेवलपमेंट सेंटर खोले गए हैं, जहां युवाओं को कंप्यूटर, स्वास्थ्य सेवा, फूड प्रोसेसिंग और तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। अब यहां के बच्चे जंगल में लकड़ी चुनने के बजाय लैपटॉप और मशीनें चला रहे हैं।
उन्होंने बताया कि बस्तर में अब बड़े निवेश आ रहे हैं। नवा रायपुर में स्थापित की जा रही देश की पहली सेमीकंडक्टर यूनिट और एआई डेटा सेंटर से बस्तर एवं समूचे राज्य में रोजगार के व्यापक अवसर सृजित होंगे। अब बस्तर ‘मेक इन इंडिया’ का उपयुक्त स्थल बन रहा है।
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि सरकार द्वारा मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए पुनर्वास, प्रशिक्षण और स्वरोजगार योजनाएं तैयार की गई हैं। अब बस्तर में आदिवासियों को स्वरोजगार, प्रशिक्षण और बाज़ार की सुविधाएं मिल रही हैं। स्थानीय उत्पादों की बिक्री से रोजगार के नए द्वार खुल रहे हैं। बस्तर का धुड़मारास गांव संयुक्त राष्ट्र द्वारा ‘सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव’ की सूची में शामिल किया गया है।
भौगोलिक और औद्योगिक अधोसंरचना में ऐतिहासिक निवेश
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ में रेल नेटवर्क को 1100 किलोमीटर से बढ़ाकर 2200 किलोमीटर तक ले जाने का कार्य प्रगति पर है। राष्ट्रीय राजमार्गों पर 21 हजार करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। रायपुर एयरपोर्ट से अब कार्गो सेवा भी प्रारंभ हो चुकी है, जिससे राज्य एक प्रमुख लॉजिस्टिक हब के रूप में उभर रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में प्रचुर मात्रा में खनिज संपदा उपलब्ध है। विशेषकर स्टील, कोयला, डोलोमाइट और लिथियम जैसे संसाधनों की उपलब्धता के चलते छत्तीसगढ़ औद्योगिक दृष्टि से अग्रणी राज्य बनता जा रहा है। स्टील उत्पादन क्षमता को 28 मिलियन टन से बढ़ाकर 45 मिलियन टन और बिजली उत्पादन को 2030 तक देश में शीर्ष स्थान तक ले जाने का लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री साय ने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जहां लिथियम ब्लॉक की सफल नीलामी हुई है। यह उपलब्धि ग्रीन एनर्जी और इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक सिद्ध होगी।
प्रशासनिक नवाचार और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन
मुख्यमंत्री साय ने राज्य सरकार द्वारा किए गए 350 से अधिक नीतिगत सुधारों की जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि जमीन पंजीकरण जैसे कार्य अब केवल 500 रुपये में घर बैठे संभव हो गए हैं। नई औद्योगिक नीति के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में प्ले स्कूल, हॉस्पिटल और कॉलेज खोलने वालों को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
नीति आयोग में छत्तीसगढ़ के 2047 रोडमैप की प्रमुख बातें
- छत्तीसगढ़ – ऊर्जा और उद्योग की रीढ़
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ बिजली, कोयला, स्टील और सीमेंट जैसे संसाधनों के माध्यम से भारत की औद्योगिक नींव को सुदृढ़ करता है। छत्तीसगढ़ की यह विशिष्टता देश के आर्थिक विकास को मजबूत आधार प्रदान करती है।
- खेती और जंगल – ग्रामीण समृद्धि का आधार
कृषि, मछलीपालन और वनोपज आधारित आजीविका से ग्रामीणों और आदिवासियों की आय और आत्मनिर्भरता बढ़ी है जो आदिवासी और ग्रामीण जीवन की दिशा में सकारात्मक परिवर्तन को परिलक्षित करता है।
- आदिवासी अधिकारों में नई क्रांति
आदिवासी परिवारों को जमीन का अधिकार पाने की प्रक्रिया सरल होने से आदिवासियों का सुरक्षा और सम्मान बढ़ेगा, जो सामाजिक न्याय और अधिकारों की दिशा में क्रांतिकारी पहल है।
- HHH मॉडल से पर्यटन को नया विस्तार:
HHH मॉडल के माध्यम से हॉस्पिटैलिटी, हाउसिंग और हैंडीक्राफ्ट के जरिए स्थानीय महिलाओं और कारीगरों को रोजगार मिलने के साथ ही छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक पहचान मिलेगी। - डिजिटल बदलाव से प्रशासन में पारदर्शिता और गति
अब सरकारी कामों में तकनीक का ज़्यादा इस्तेमाल हो रहा है। छत्तीसगढ़ ने “3T” मॉडल अपनाया है – टेक्नोलॉजी, ट्रांसपेरेंसी और ट्रांसफॉर्मेशन। इसका मतलब है कि सरकारी काम अब साफ-सुथरे और जल्दी होंगे। ऑनलाइन फॉर्म, समय पर सेवाएं और आसान प्रक्रिया से जनता का भरोसा बढ़ेगा। यह भ्रष्टाचार को घटाकर जनता के विश्वास को मजबूत करता है।
- नीतिगत नेतृत्व में अग्रणी राज्य
मुख्यमंत्री ने बताया कि अब छत्तीसगढ़ सिर्फ संसाधन बहुल राज्य नहीं, बल्कि नीति और प्रशासन के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बन रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के “न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन” के विचार को छत्तीसगढ़ पूरी लगन से लागू कर रहा है। अब तक 350 से ज्यादा सरकारी सुधार किए गए हैं।
- सड़क परिवहन और हवाई सुविधाओं की बढ़ी रफ्तार: 11 साल में 21,380 करोड़ से नई सड़कें बनीं। अब जगदलपुर, बिलासपुर और अंबिकापुर एयरपोर्ट का सीधा सम्पर्क देश के विभिन्न क्षेत्रों से बन चुका है।
- रेल सुविधाओं का विस्तार: राज्य में 161 साल में 1100 किमी रेल लाइन बनी थी। अब 2030 तक ये दोगुनी होकर 2200 किमी होगी जो कनेक्टिविटी को बढ़ाने में अत्यंत महत्वपूर्ण होगा।



















